Friday 23 February 2018

यह कहीं राख बनकर उड़ होंगे....और उस आग की तपिश में आपके अपने भी जलेंगे.


यह कहीं राख बनकर उड़ होंगे....और उस आग की तपिश में आपके अपने भी जलेंगे. 





यकीनन यह घनी छांव कल नहीं रहेगी
फिर सफर में रुककर सुस्ताओगे कहां
तपते रहोगे कंक्रीट की छत के नीचे
पेड़ की छांव का सुकून पाओगे कहां
अमीर तो एसी लगाकर चैन से सोयेेंगे
गरीब राहगीर को छांव मिलेगी कहां
पेड़ थे, तो जीभर आम खाते थे
अब खरीदोगे नहीं तो आम पाओगे कहां
अगर जरा सोचते तो भीड़ ना बढ़ाते
भीड़ ना बढ़ाते तो पेड़ नहीं कटती
बढ़ा रहे हो इंसान हो
घटा रहे हो पेड़ को
कभी पेड़ की छांव में बैठकर सोचो
मरने के बाद जलने के लिए लकड़ी पाओगे कहां

View of Ranchi Lohardaga Road 

अगर आपको भी यह शौक है कि सड़क के दोनो ओर बडे-बड़े पेड़ हो और आप उसमे चलकर जाये, तो रांची लोहरदगा सड़क पर एक सप्ताह के अंदर यह शौक पूरा कर लिजिये,वरना रांची लोहरगा मार्ग पर आपको यह पेड़ नहीं दिखेंगे, क्योंकि विकास के नाम पर तो सब पेडों की बलि चढ़ाई जा रही है.  


Trees payed for devlpoment

बड़े-बड़े मशीनों से इनपर प्रहार किया जा रहा है. इन्हें जड़ से उखाड़कर फेंक दिया जा रहा है. यह इस बात का सबूत है कि अगर विकास के रास्ते में आओगे तो जड़ से उखाड़ कर फेंक दिये जाओगे. हलांकि मैने देखा की जड से उखड़ जाने के बाद, कट जाने के बाद भी यह अपने वजूद के लिए बड़े से मशीन से संघर्ष कर रहे थे. बार बार टूट चुके पेड़ के तने को तोड़ने के प्रयास मशीन कर रही थी लेकिन बार बार फिर से वो तने उठ खड़ हो रहे थे मानो कह रहे हो एक बार और जोर लगाओ. 

बढ़ती उर्जा की भूख को मिटाने के लिए सरकार ने इस इलाके की खूबसूरती को मिटाने की परियोजना तैयार कर दी थी


Ranchi Lohardaga Road under construction

 पढ़ा और सुना था एक वृक्ष सौ पुत्र के समान होता है तो फिर जरा अंदाजा लगा लिजिये कि विकास के नाम पर कितने पुत्र की बलि चढ़ गयी और बलि चढ़ने वाली है. सोचिये क्या इतने बड़े पैमाने पर हो रहे वृक्ष संहार का कोई और विक्लप हो सकता था. अगर विज्ञान इतनी तरक्की कर चुका है कि मिनटों में एक विशालकाय पेड़ को धराशायी कर सकता है तो क्या एक घंटे या एक दिन में इतना ही बड़ी पेड़ दूसरी जगह पर खड़ा कर सकता है, जवाब आपको पता है. 

Ranchi Lohardaga Road


खैर एक बार देख आइये, तस्वीरें भी रखे लिजिये, क्योंकि आप या आपकी आने वाली पीढ़ी इन्हें नहीं देख पायेगी. यह कहीं राख बनकर उड़ होंगे....और उस आग की तपिश में आपके अपने भी जलेंगे.