Saturday 16 March 2019

तुम्हारे बिना मैं एक कदम नहीं चल सकती थी, पर पूरी जिंदगी जीने के लिए निकल गयी



बाहर बारिश हो रही थी, इसलिए ऑफिस से नहीं निकल रहा था, सोच रहा था कि बारिश रूक जाये तब ही घर के लिए निकलूंगा. काम नहीं था तो फेसबुक पर कुछ पुराने मैसेजस पढ़ रहा था...तुम तो समझ गये होगे की वो मैजेस तुम्हारे ही रहे होंगे..तुम्हारी प्रोफाइल में जाकर तुम्हारे बारे में जानने की कोशिश कर रहा था.. प्रोफाइल देखा तो हर बार कि तरह वही तीन साल पहले अपलोड कि हुई तुम्हारी फोटो दिखी, जिसमें तुम अपनी बेटी और पति के साथ कहीं समुद्र के किनारे खड़े थे...पीछे दूर तक फैला समंदर था. उसके बाद की कोई एक्टीवीटि तुम्हारे प्रोफाइल पर नहीं थी. ऐसा लग रहा था मानों तुम्हारे पीछे दूर तक दिख रहा समंदर उठकर मेरे शहर में बादल बनकर आया है, और बरस रहा है. क्योंकि इस बार हर एक घंटे पर मौसम विभाग का पूर्वानुमान बदल रहा था. मुझे घर जाना था पर मैं फिर से पुराने दिनों में चला गया. 


मुझे याद है जब आखिरी बार तीन साल पहले हमारी बात पांच महीने तीन दिन बाद हुई थी तब तुमने कहा था कि तुम मुझे बहुत मिस करती हो और जवाब में मै कुछ नहीं कह पाया था, क्योंकि अचानक तुमने फोन काट दिया था..उसके बाद से आज तक तुम्हारा कोई फोन नहीं आया. मैं तुमसे कहना चाहता था कि हां मैं भी तुम्हे बहुत मिस करता हूं, पर तुमने सुनने से पहले ही फोन  रख दिया था पुराने मैसेजेस को पढ़ते हुए मैं तीन साल पहले चला गया था कि अचानक मेरा फोन बजा.. मैने देखा तो ट्रू कॉलर में तुम्हारा नाम दिखा..मैने फोन उठाया तो उधर से आवाज आयी, हैलो कैसे हो..मैं कुछ समझ पाता इससे पहले तुमने कहा कि तुम भूल गये हो मुझे, मैने कहा नहीं.....उसने पूछा कहां हो, मैने कहा ऑफिस में हूं. उसने कहा कि तुम्हारे शहर का तो हाल बेहाल है..बारिश ही बारिश..मैने सोचा, शहर की बारिश तो तुम्हें दिखाई दे गयी पर मेरे अंदर जो हर रोज बारिश होती है वो तुम कहां देख पा रही हो..इतने में उसने कहा कि तुम्हारे शहर में हूं...मिलोगे नहीं.. 


 कुछ देर बाद मैं बारिश में भींगते हुए उसके घर के पास वाले मॉल में था....वो वहां मेरा इंतजार कर रही थी..मैं पूरा भींग चुका था... मैं कुछ बोलता इससे पहले उसने कहा कि कल मुझे जाना है और मैं तुमसे मिले बिना यहां से चली जाऊं ऐसा नहीं हो सकता है...तुमसे कई सारे सवाल करने हैं. बारिश में तुम्हारे बाल भी हल्क भीगे हुए थे, तुम बहुत सुंदर लग रहे थे. मैने कहा सवाल पूछो... उसने कहा इतने दिन कैसे रहे मेरे बिना...तुम्हे मेरे से बात करने का मेरी आवाज सुनने का मन नहीं करता था...मैने कुछ नहीं कहा, उसने कहा बहुत मिस करती हूं तुम्हे आज भी..


इसलिए तुमसे मिलने के लिए खुद को रोक नहीं पायी. जमाना कुछ भी कहे तुम हमेशा मेरे रहोगे..यह अलग बात है कि हमदोनों ने अलग रास्ते अपने लिए चुने पर आज लगता है कि तुम्हारे बिना मैं एक कदम नहीं चल सकती थी, पर पूरी जिंदगी जीने के लिए निकल गयी. पर तुमने एक बार भी नहीं रोका. एक बार तो आवाज दिये होते....तुम्हारे आवाज के इंतजार में मैं आगे बढ़ते-बढ़ते इतनी दूर कब निकल गयी पता ही नहीं चला..अब मैं जा रही हूं. मौका मिलेगा तो फिर फोन करूंगी...वो चली गयी और मैं उसी  समंदर की बारिश में भीगता  हुआ सड़क पर जा रहा था.