बस अब हम सीख गये और सही रास्ते पर हैं, मुझे अच्छी तरह याद है ......
kulu city
बस अब हम सीख गये और सही रास्ते पर हैं, मुझे
अच्छी तरह याद है तुम्हारा आखिरी मैसेज यही था. उसके बाद तो जैसे तुम गायब
हो गये. ना तुमने मेरा फोन उठाया और ना ही मेरे मैसेजस का जवाब दिया. वैसे
अच्छा किया तुमने, आज लगता है तुम्हारा फैसला सही था. सच तो यह है कि मैं
तुम्हारे साथ चलने लायक नहीं था. मैं ऐसा इसलिए नहीं बोल रहा हूं की तुम
मुझे छोड़ कर चली गयी और वापस नहीं आयी बल्कि इसलिए बोल रहा हूं की जो किया
वही एकमात्र उपाय था. क्या करते तुम भी, तंग आ गये थे ना मेरी रोज रोज की
हरकतों से. क्या करता मैं लापरवाह था, लापरवाही से जीना मेरी आदत बन चुकी
थी, और वो मुझे अच्छा लगता था. मैं मस्तमौला यायावर की जिंदगी जीना चाहता
था, और तुम मुझे बंधन में बाधंना चाहती थी. सच बताऊं तो मैं उस खूटे से भी
बंध जाता पर शायद तुमने कभी सच्चे दिल से कोशिश नहीं की. वैसे अच्छा हुआ,
आज मैं अपने दिल के सारी भड़ास इस खत के जरिये निकाल देना चाहता हूं.
क्योंकि अब मुझे फिर से जीने की वजह मिल गयी है. मुझे मेरे जैसा मुझे समझने
वाला साथी मिल गया है...अगले महीने की 26 तारीख को मैं दूसरी शादी कर रहा हूं....
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