सरकारी घोषणाओं की झड़ी से
पेट की क्षुधा शांती नहीं होती
भूखे पेट वास्ता तो रोटी है
सहानूभूति के शब्दों को नहीं खाये जाते हैं
पीठ पर थपथपी से प्यास नहीं बुझती
भूखे पेट का वास्ता तो रोटी है
घर में अन्न ना हो तो रोजा भी नहीं होता
शांत पड़े चुल्हे से नवरात्र भी नहीं होता
भूखे पेट का वास्ता तो रोटी से है.
चाहे आलिशान मकान दे दिजीये
चाहे बुलेट ट्रेन दे दिजीये
भू्खे पेट का वास्ता तो रोटी से है
बस यह व्यवस्था कर दो कि
भरपेट भोजन मिल जाए
कोई भूखा ना रहे
भू्ख का वास्ता तो रोटी तो है.
पेट की क्षुधा शांती नहीं होती
भूखे पेट वास्ता तो रोटी है
सहानूभूति के शब्दों को नहीं खाये जाते हैं
पीठ पर थपथपी से प्यास नहीं बुझती
भूखे पेट का वास्ता तो रोटी है
घर में अन्न ना हो तो रोजा भी नहीं होता
शांत पड़े चुल्हे से नवरात्र भी नहीं होता
भूखे पेट का वास्ता तो रोटी से है.
चाहे आलिशान मकान दे दिजीये
चाहे बुलेट ट्रेन दे दिजीये
भू्खे पेट का वास्ता तो रोटी से है
बस यह व्यवस्था कर दो कि
भरपेट भोजन मिल जाए
कोई भूखा ना रहे
भू्ख का वास्ता तो रोटी तो है.
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