Friday 5 October 2018

हीरादह धाम: यहां आकर आप एक चीज जरूर सीखेंगे की जीवन में कितनी भी कठिनाई हो निरंतर प्रयास से आप जरूर आगे बढ़ सकते हैं.

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जीवन में कठिनाइयों के बीच पत्थर को चीर कर आगे बढ़ने का गुण सिखाती  शंख नदी
नदी अपना रास्ता खुद बना लेती है और अगर कोई उसकी तेज धार के बीच में आता है तो वह उसे तहस-नहस करके आगे बढ़ जाती है. गुमला जिले के रायडीह प्रखंड स्थित हीरादह धाम इस बात की तस्दीक करता है. हीरादह धाम एक दर्शनीय स्थल होने के साथ-साथ एक धार्मिक स्थल भी है. यहां पर भगवान भास्कर का मंदिर बना हुआ है और भगवान जगन्नाथ का भी छोटा सा मंदिर है. हीरादह में लगे हुए साइन बोर्ड के अनुसार इस श्री हिंदू धर्म रक्षा उपकेंद्र की स्थापना 1951 में हुई थी.  यह श्री 1008 श्री रामरेखा धाम सिमडेगा से जुड़ा हुआ है. हीरादह धाम शंख नदी की तट पर स्थित है.
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शंख नदी यहां पर पूरे वेग के साथ बहती है. मंदिर के पीछे बीच नदी पर मौजूद चट्टान का चिकना पहाड़ इसका प्रमाण है. यहां फुटबॉल ग्राउंड जितना बड़ा चट्टान का मैदान है, जो बिल्कुल समतल है. पानी के बहाव के कारण यह चिकना और समतल हो गया है. जिसके कारण अपने आप में अनोखा प्रतीत होता है. इतना ही नहीं पानी के तेज घुमाव के कारण बीच चट्टान पर छोटे- बडे कुंड बने हुए हैं, जो इस बात की गवाही देने के लिए काफी है की शंख नदी और नदी के रास्ते में पड़ने वाले चट्टान का संघर्ष सदियों पुराना है. चट्टान में बने कुंड 10 फीट तक गहरे हैं और उनमें पानी भरा हुआ है. उन कुंड में घुसने के मनाही है क्योंकि यह जानलेवा साबित हो सकता है. अंदर में और फिसलन हो सकती है,ओर उसके अंदर गुफानुमा छेद भी हो सकता है जिससे पानी अंदर घुसता है और बाहर निकलता है. देखने में यह कुंड बेहद ही खूबसूरत दिखाई देता है और पिकनिक स्पॉट की तरह है. 

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हीरादाह धाम के आस-पास भी प्रकृति ने असीम सुंदरता बिखेरी है. नदी के दोनो ओर स्थित उचें पहाड़ और घने जंगल इसकी खूबसूरती में चार चांद लगाते हैं. शंख नदी छोटा नागपुर पठार के पश्चिमी छोर में उत्तरी कोयल के विपरीत प्रवाहित होती है. यह गुमला जिला के रायडीह के दक्षिण से प्रारम्भ होती है. उद्गम स्थल के आरंभ में यह नदी काफी संकरी एवं गहरी खाई का निर्माण करती है. अपने प्रवाह मार्ग में यह राजाडेरा के पास 200 फीट ऊंचा जल प्रपात बनाती है, जो सदनी घाघ जल प्रपात के नाम से जाना जाता है.

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अगर आप झारखंड की प्राकृतिक सुंदरता को देखना चाहते हैं तो हीरादह धाम आपके लिए बेहतर विकल्प हो सकता है जिसे अभी तक बहुत कम लोगों ने ही एक्सपेलोर किया है. यहां आने के लिए दिन भर का समय लेकर चलना होगा. रांची से ढाई घंटे के सफर के बाद आप यहां पहुंच सकते हैं. रांची गुमला आने के बाद आपको गुमला के मांझाटोली से बायें मुड़ना पड़ता है. बायें मुड़कर आगे जाने के बाद रायडीह गांव से आगे जाने के बाद रमजा गांव पहुंचा जाता है. रमजा गांव के अंदर घुसकर रास्ते से आप सीधा हीरादह धाम पहुंच सकते हैं. खाने-पीने का इंतजाम आप खुद कर ले और यह सुनिश्चित कर ले की आपके वाहन में तेल खत्म नहीं होगा और चारों टायर अच्छे कंडीशन में हैं. 14 जनवरी को यहां मकर संक्राति के अवसर पर विशाल मेला लगता है. यहां आकर आप एक चीज जरूर सीखेंगे की जीवन में कितनी भी कठिनाई हो निरंतर प्रयास से आप जरूर आगे बढ़ सकते हैं. 

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